सदियों से समाज में चली आ रही परम्पराओं और रूढ़िवादिता का स्त्रियों पर प्रभाव | Original Article
मानसिकता के कारण स्त्री चाहे जिस भी वर्ग जाति समूह की रही हो वह जन्म से ही अपने आपको असहाय और अबला समझकर सदैव पुरुषवादी मानसिकता का शिकार होती रही है। आज समाज में तमाम तरह के बंधनों से जकड़ी महिलाएं स्वयं की मुक्ति और अपनी अस्मिता के लिए देश के हर कोने से आवाज उठा रही हैं।