मीडिया जनित भारतीय संस्कृति: एक अध्ययन | Original Article
संस्कृति शब्द संस्कृत से उदधृत है। ‘‘संस्कृति ही संस्कार है।’’1 इसका उदभव संस्कृत भाषा की ‘संस्क’ धातु में ‘क्तिन’ प्रत्यय लगाने से बनता है। इसका शाब्दिक अर्थ है - ‘अच्छी स्थिति’ ‘सुधरी हुई स्थिति’ आदि। यह अर्थ तो व्याकरण की दृष्टि से है। परन्तु संस्कृति का भावार्थ अधिक विशद एवं विस्तृत है। ‘‘संस्कृति से मानव समाज की उस स्थिति का बोध होता है, जिससे उसे ‘सुधरा हुआ’, द्र चा, सभ्य आदि विशेषणों से आभूषित किया जा सकता है। देश विदेश के आचार-विचार भिन्न रहने में सुधार संबंधी भावना भी भिन्न होती है। इसीलिए अलग-अलग देशों की संस्कृति अलग-अलग पाई जाती है। संस्कृति के मूल तत्वतो सब देशों में एक से रहते हैं, देशकाल के अनुसार बाह्य स्वरूप में अंतर होना स्वाभाविक है।’’2