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18वीं शताब्दी के ब्रिटिश युग में शिक्षा तथा साहित्य विश्लेषणात्मक अध्ययन | Original Article

Monu .*, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

अठारहवीं शती भारत के इतिहास में ‘भीषण अराजकता’ का संदेश लेकर आई थी। चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल हो गया। रोज-रोज के लड़ाई-झगडत्रे, मार-पीट, कलह-द्वेष ने जन-जीवन को अधमरा बनाकर रख दिया। हमारे क्षेत्र की हो, इसकी थिति के कारण और भी मिट्टी पलीद हो गई। अंग्रेजों ने कुछ कानून-व्यवस्था ठीक की, अराजकता भी कुछ कम हुई, लेकिन शिक्षा और साहितय की सद्गति, जैसा कि नीचे देखेंगे, अब भी नहीं हुई।