मेरठ जनपद में महिलाओ का योगदान अर्थव्यवस्था के विकास में | Original Article
भारत जैसे विशाल देश में भौगोलिक, सामाजिक और आर्थिक स्थितियों में विभिन्नता के कारण ग्रामीण विकास के लक्ष्य को शीघ्र प्राप्त करना आसान नहीं है। इस परिप्रेक्ष्य में वस्तुतः ग्रामीण विकास को एक सतत प्रक्रिया के रूप में देखा जाना आवश्यक है। बढ़ती जनसंख्या, गरीबी, अशिक्षा, बीमारी, बेरोजगारी, भूमि तथा अन्य सभी संसाधनों का असामान्य बंटवारा, सामाजिक अन्याय जैसी अनेक समस्याएं ग्रामीण भारत के विकास में बाधक हैं। महात्मा गांधी ने सच कहा था कि- भारत का आधार और आत्मा गांव हैं। यदि भारत का विकास करना है तो गांवों तथा ग्रामवासियों का विकास करना होगा। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाओ का महत्व अधिक है। महिलाएँ पुरुषों के तुल्य ही कृषि कार्य, गृह कार्य तथा सामाजिक रीती - रिवाजों में समान रूप से हाथ बंटाती है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिला एवं पुरुष दोनों की गाड़ी के पहिये के तुल्य है। जनपद मेरठ में महिलाओ की विभिन्न क्षेत्रों में किस प्रकार की भूमिका है, इसी को ज्ञात करके उनकी आर्थिक स्तिथि का वर्गीकरण विस्तारपूर्वक विशेषण किया गया है।