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डीडवाना तहसील में भूजल संसाधन की निम्न गुणवत्ता व मात्रा के कारण उत्पन्न सामाजिक-आर्थिक समस्यें व सुझाव का विश्लेषण | Original Article

Dasrath Kumar*, Kalu Ram, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

राजस्थान मरूस्थलीय प्रदेश होने के कारण जल संसाधन अतिसीमित है। राज्य की तेजी से बढ़ती जनसंख्या और बदलती जीवन शैली से पानी की बढ़ती मांग को अंधाधुंध भूजल दोहन करके पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। परिणामस्वरूप राज्य में भूजल की कमी और निम्न गुणवत्ता के कारण जल संकट की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। राजस्थान में भूजल भण्डारों के अतिदोहन के कारण अधिकांश भूजल स्त्रोतों का पानी पीने योग्य नहीं रहा है। केन्द्र सरकार के पेयजल आपूर्ति विभाग (DDWS) की 10 अक्टूबर, 2015 की रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में 48 प्रतिशत जल स्त्रोतों का पानी पीने योग्य नहीं है। सितम्बर-अक्टूबर, 2015 में राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों के 115247 भूजल नमूने लिये गये थे। इनमें से 19 प्रतिशत में एक से अधिक रसायन, 10 प्रतिशत में फ्लोराइड़ तथा 8 प्रतिशत में नाइट्रेट की मात्रा स्वीकृत मात्रा से अधिक भूजल नमूनों में पायी गयी हैं।