Article Details

गांधी जी के संरक्षकता सिद्धान्त की सार्थकता | Original Article

Sumit .*, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

गांधी जी के संरक्षकता के सिद्धान्त से पहले संरक्षकता के अर्थ को समझना हमारे लिए जरूरी है। न्यासिता शब्द अंग्रेजी के ‘ट्रस्ट’ शब्द से बना है जो विधिवेताओं के द्वारा सामान्यतया व्यवहत होता है। न्यास में जमीन, किसी चीज को कोष, शेयर आदि रखे में जाते हैं। न्यास की अवधारणा जमीन और व्यवहार की अन्य संपत्ति को किसी के यहां सुरक्षित रूप से रखने के रीति रिवाज से हुई। अंग्रेजी कानून के मुताबिक सम्पति के उपभोग तथा उपयोग के विषय में अनेक सिद्धान्त निकाले हैं। इसमें न्यास का अर्थ यह हुआ कि कोई सम्पति जो किसी के स्वामित्व में है वह दूसरे के नियन्त्रण में उसकी मर्जी से उसके लाभकारी उपयोग के लिए दी जाती है।