डॉक्टर राही मासूम रज़ा के उपन्यासों में निरूपित धर्म | Original Article
धर्मिक चेतना का मुख्य कार्य समाज के सामने धर्म का वास्तविक स्वरूप प्रस्तुत करता है। जिससे धर्म का सही अर्थ जान सकें। हिंदी साहित्य में कई साहित्यकारों ने साहित्य के माध्यम से समाज सुधार का पवित्र कार्य किया। राही मासूम रज़ा भी इस प्रकार के धार्मिक प्रभाव से अछूते नहीं थे, इसलिए ‘राही’ की धार्मिक भावना धर्मनिरपेक्ष है। उनके उपन्यासों के सभी चरित्र धार्मिक चेतना से भरे हैं।