Article Details

रस-सिद्धान्त का अन्य काव्यशास्त्रीय सिद्धान्तों के साथ सम्बन्ध | Original Article

Hargian .*, Gobind Dawedi, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

काव्यशास्त्रा के विद्यार्थी को रस-सिद्धान्त की जानकारी के लिए यह जानना आवश्यक है कि रस के साथ वातावरण या समकालीन काव्यशास्त्रीय सिद्धान्तों (वादों) का भी ज्ञान हो। इस अध्याय में रस का अन्य सम्प्रदायों ध्वनि और रस, रीति और रस, अलंकार और रस, वक्रोक्ति और रस तथा औचित्य और रस संबंधों पर चर्चा की गई है।