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गीत चतुर्वेदी की कहानियों में सामाजिक चित्रण | Original Article

Pooja .*, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

साहित्य को सामाजिक प्रवृतियों का द्योतक मानने के साथ ही साथ साहित्य का पथ प्रदर्शक भी माना जाता है। वर्तमान का भारतीय परिदृश्य हम उस समय की कहानियों में पाते हैं। समाज से संबंधित विशेषताएं ही कवि एवं कहानीकार को लोकप्रिय बनाती है। इससे उनके अध्ययन की दिशायें या परते निश्चित हो जाती है, क्योंकि कला को साहित्यकार के निजी और व्यक्तिगत क्रिया-प्रतिक्रिया तक सीमित करने बजाय सामूहिक जीवन के यथार्थ से संबंधित होती है। गीत चतुर्वेदी जी ने अपनी कहानियों मे समाज का चित्रण उच्चकोटि से किया हैं चाहे वो पारिवारिक संबंधों की बात हो या समाज में शिक्षा का स्थान बात हो आदि का वर्णन चतुर्वेदी जी ने बड़े मार्मीक ढंग से किया हैं जिसका हम वर्णन इस शोध पत्र में करेगें।