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नारी को अधिकार दो | Original Article

Seema Rani*, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

हमारा देश धर्म प्रधान देश माना जाता है। यहां हमें जगह-जगह मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारे या गिरजा-घर बने मिलते हैं। संसार के सबसे ज्यादा शाकाहारी लोग यहीं बसते हैं। हमने आजादी अहिंसा से पाई और सारे संसार को अहिंसा का संदेश दिया। हमारे देश की धार्मिक परम्पराएं सदियों पुरानी है। इन सबके होने के बावजूद भी हमारे समाज में एक बुराई आज भी व्यापत है। हमारे समाज में औरतों के साथ बहुत बुरा बर्ताव किया जाता है। हमारे समाज में लडकियों का पैदा होना इतना नापसंद है कि लाखों लडकियों को जन्म से पहले ही गर्भ में या जन्म लेते ही जान से मार दिया जाता है। जो लडकियां किसी वजह से बच जाती हैं उनका बचपन दुखों और जुल्मों का सामना करने में निकल जाता है। एक तरफ तो हम नारी रूप की पूजा करते हैं। मंदिर में जाकर लक्ष्मी, सरस्वती और दूर्गा मां को पूजते हैं और वहीं दूसरी ओर बच्ची की जान ले लेते हैं क्योंकि वह लडकी है।