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स्वतंत्रता मे राष्ट्रीय आन्दोलनो का समीक्षात्क अध्ययन | Original Article

Mamta Devi*, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

आज हम जिस भारत में रह रहें हैं। यह भारत एक प्रभुसत्ता सम्पन्न भारत है जो आन्तरिक व बाहय रूप से स्वतन्त्र भारत है। यह स्वतंत्र प्रभुसत्ता भारत को 15 अगस्त 1947 को प्राप्त हुई थी। लेकिन यह प्रभुसत्ता भारत को उतनी सरलता से प्राप्त नही हुई थी। जितनी को आज हम समझते है। इस प्रभुसत्ता के लिए भारतीयों के द्वारा अनेक आन्दोलन चलाए गए तथा अनेक देश-भक्त भारतीयों ने अपने प्राणों को न्यौछावर कर दिया, तब जाकर भारत को प्रभुसत्ता सम्पन्नता प्राप्त हुई तब जाकर हम एक स्वतंत्र भारत के नागरिक बने। लेकिन आज के वातावरण को देखकर लगता है। कि आज भारत के नागारिक उन देश भक्तो के कार्य को भूल गए जिनके संघर्षों से हमे आजादी मिली। आज आवश्कता इस बात की है। कि हम राष्ट्रीय आन्दोलनों के साथ-साथ अपने देश-भक्तों के संघर्षो को याद करे और जिस देश के लिए उन्होनें अपने प्राण न्यौछावर कर दिए उस देश को हम एक विकसित देश बनाएं यह हमारा नेतिक और राष्ट्रीय उत्तरदायित्व है।