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अरब लहर, लोकतंत्र और न्यू मीडिया | Original Article

Akhlakh Ahmad Usmani*, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

‘अरब लहर’ यानी ‘अरब स्प्रिंग’ को हिन्दी- उर्दू में कई नामों से जाना गया। इसे ‘अरब बसंत’, ‘अरब क्रांति’ और ‘अरब उत्थान’ के भी नाम दिए गए। इसका दौर यूँ तो साल 2011 से शुरू हुआ लेकिन आज भी कमोबेश यह व्याप्त है। ‘अरब लहर’ में सबसे प्रमुख रही जनता की लोकतंत्र या लोकतंत्र में सुधार की माँग। यह अरब के मौसम और भूगोल के हिसाब से परिभाषित की गई और कई जगह इसे प्रायोजित भी बताया गया। फिर भी ‘अरब लहर’ की सापेक्षता से इनकार नहीं किया जा सकता।