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शिक्षा सुधार के अंतर्गत व्यवहारिक ज्ञान के पाठ्यक्रम का समावेश मानव कल्याण व सामाजिक अपराधों में कमी लाने हेतु आवश्यक | Original Article

Lalita Pandey*, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

विभिन्न प्रकार की सामाजिक समस्याओं का जन्म तात्कालिक समय के विकास, सूचना क्रांति, जनसंपर्क तथा विभिन्न कानूनों, नियमों व उपनियमों के अनुसार परिवर्तित होते रहता है। वर्तमान समय में आर्थिक नीतियों व व्यवसायीकरण के फलस्वरुप वर्तमान शिक्षा उच्च शिक्षित युवाओं को वर्तमान पाठयक्रम के अनुसार पूर्ण ज्ञान प्रदान करने में अपूर्ण प्रतीत होती है। आज वर्तमान परिवेश में साइबर अपराध, सूचना तकनीक, उपभोक्ता नियमों, सामान्य कानूनी जानकारी के अभाव में उच्च शिक्षित तथा उच्च पदों पर आसीन व्यक्ति भी आसानी से विभिन्न प्रकार की ठगी का शिकार हो जाते हैं जिसका प्रमुख कारण उपरोक्त विषयों के व्यवाहारिक ज्ञान की कमी का होना है। वर्तमान परिस्थितियों के अनुसार समग्र शिक्षा हेतु व्यवहारिक ज्ञान का समावेश शिक्षा में होना आवश्यक है।