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टेलीविजन और हिन्दी भाषा: एक विवेचन | Original Article

Reena Devi Gora*, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

मानव समय समय पर अपनी अभिव्यक्ति, विद्वत्ता प्रदद्र्दान एवं ज्ञान के वृध्दि के लिए नए-नए संसाधनों की खोज में अविरत रूप से संघर्षरत रहा। उन सब के परिणामस्वरुप जितने भी साधन मानव इतिहास में आज तक निर्मित हुए, वे उसके तकनीकि एवं अभिव्यक्त्यात्मक विकास के परिचायक है। अपनी मस्तिष्क की प्रौढ़ता एवं अभिव्यक्ति की छटपटाहट ने संचार तथा सूचना साधनों में वृध्दि की है। अपनी भाषा के अनुरुप तकनीक विकसित की तो कभी तकनीक के अनुरुप भाषा का निर्माण किया। ऐसा भाषा और तकनीक का खेल हमेशा ही चलता आ रहा है।