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भारत और गुटनिरपेक्ष नीति | Original Article

Sonu .*, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

गुटनिरपेक्ष नीति और भारत में विशेष संबध रहा है। गुटनिरपेक्ष आंदोलन के प्रमुख जनक नेहरू, नासिर और टीटो थें। भारत की ओर गुट निरपेक्ष आंदोलन को दिशा देने में नेहरू जी का विशेष योगदान रहा है। अतः अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में प्रारंभ से ही गुट निरपेक्षता का दृष्टिकोण होने के कारण भारत की चर्चा करना अंत्यंत प्रासंगिक है। गुट निरपेक्षता नीति का विश्व के किसी भी गुट के साथ द्विपक्षीय संबधों के आधार पर सैनिक समझौते में भाग न लेना है। इस नीति का पालन करने वाले राष्ट्र जहां एक ओर गुटबाजी की विश्व राजनीति से विलग रहते है। वहां दुसरी ओर विश्व शांति और सुरक्षा में प्रगति हेतु संयुक्त राष्ट्र संघ और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को भरपूर मदद देते है। इसका अर्थ कदापि तटस्थता की नीति नही है जैसा कि हम बता चुके है कि भारतीय प्रधानमंत्री नेहरू जी ने गुट निरपेक्ष की नीति का अर्थ स्पष्ट करते हुए कहा था- यदि स्वतंत्रता का हनन होगा, न्याय की हत्या होगी अथवा कही आक्रमण होगा तो वहा हम न तो आज तटस्थ रह सकते है। और न भविष्य में रहेंगें। यह नीति गुट निरपेक्षता देशों की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उठने वाली दैनदिन की ज्वलंत समस्याओं पर उनके गुणानुसार अपनी स्वतंत्र प्रतिक्रिया को व्यक्त करने के योग्य बनाती है।