घरेलू हिंसा एवं महिला मानव अधिकार: गुना शहर की महिलाओं के सन्दर्भ में एक समाजशास्त्रीय अध्ययन | Original Article
प्रस्तुत शोधपत्र में घरेलू हिंसा एवं महिला मानव अधिकार गुना शहर की महिलाओं के सन्र्दभ में एक समाजशास्त्रीय अध्ययन किया गया। इस शोध कार्य में हमनें गुना शहर के 50 महिलाओं को न्यादर्श के रूप में चुना है। आंकड़ों के सकंलन के लिए उपकरण के रूप में उपकरण के रूप में घरेलू हिंसा एवं महिला मानव अधिकार से सम्बन्धित स्वनिर्मित साक्षात्कार अनुसूची का प्रयोग किया गया। प्रस्तुत शोध कार्य से हमें यह निष्कर्ष प्राप्त हुआ है कि सर्वाधिक महिलाओं का यह मानना हैं कि अशिक्षित होना एवं लिंग भेदभाव का होना धरेलु हिंसा के मुख्य कारण हैं। एवं सर्वाधिक महिलाओं का यह कहना हैं कि सर्वाधिक महिलाएँ घरेलू हिंसा से संबंधित कानून एवं अधिकार की आंशिक तौर पर जानकारी रखती हैं। जिससे यह परिणाम प्राप्त हुआ है कि आज भी कई परिवारों में लड़कों को ज्यादा महत्व दिया जाता है, उन्हें वो हर काम करने की छूट दी जाती है जो नैतिक रूप से गलत है। इन्हीं का परिणाम है कि घरेलू हिंसा एवं बलात्कार जैसी घटनाऐं सामने आ रही हैं। इसके लिए उन विकासशील सोच वाले शिक्षित पुरूषों को आगे बढ़कर रूढ़िवादी दृष्टिकोण को बदलना होगा तथा महिलाओं को अपने अधिकारो के प्रति जाग्रत होना होगा।