नरेन्द्र कोहली के तोड़ो कारा तोड़ो का विश्लेषणआत्मक अध्यन | Original Article
भूमंडलीकरण की 21वी सदी में वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाने वाली पीढ़ी के लिए “तोड़ो कारा तोड़ो” एक नया मार्ग दर्शन स्थापित करती है, जिसका प्रस्थान बिंदु है- विवेकानंद का व्यवहारिक दर्शन| आत्मिक विकाश के लिए सामाजिक धार्मिक रूडीयोऔर जड़ताओ को दूर करना आवश्यक है|