कक्षा 11 के विद्यार्थियों की सामाजिक बुद्धि एवं समायोजन का इनकी शैक्षिक उपलब्धि पर प्रभाव का तुलनात्मक अध्ययन | Original Article
शिक्षा मानव जीवन का श्रंगार है यह मानव विकास का मूल साधन है इसके द्वारा मनुष्य की जन्मजात शक्तियों का विकास तथा उसके ज्ञान एवं कला, कौशल में वृद्धि एवं व्यवहार में परिवर्तन किया जाता है। यह मानव विकास का मूल साधन है उसे सभ्य, सुसंस्कृत एवं योग्य नागरिक बनाया जाता है। एक शिक्षित व्यक्ति अपने परिवार समाज और देश को गौरवान्वित करता है। शिक्षा अंधकार से प्रकाश की ओर मानव यात्रा का नाम है शिक्षा द्वारा मनुष्य के अनंत चक्षु खुलते हैं। उसे आंतरिक व अलौकिक प्रकाश मिलता है अर्थात विद्या के समान कोई नेत्र नहीं है। जिस प्रकार भौतिक वस्तुओं को देखने के लिए आंखों की आवश्यकता होती है उसी प्रकार सभी दृश्य - अदृश्य वस्तुओं तथा घटनाओं को समझने में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शिक्षा बालक की शक्तियों का प्रकटीकरण करती है बालक में विद्यमान प्रकृति प्रदत शक्तियां बीज के रूप में शिक्षा इन बीज रूपी शक्तियों को वृक्ष रूप में विकसित करने का माध्यम है शिक्षार्थी को बाहर से कुछ नहीं प्रदान किया जाता है।