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मध्यकालीन काव्य में स्त्री विमर्श पर लेख | Original Article

Ravi Krishna Tripathi*, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

भारत के मध्यकालीन युग में उत्कृष्ट विशिष्टताओं से युक्त भक्ति साहित्य की एक समृद्ध परंपरा विकसित हई। भारतीय मध्यकाल का सबसे महत्वपूर्ण विकास भक्ति साहित्य वस्तुतः एक प्रेम काव्य है जिसके अंतर्गत दम्पत्तियों अथवा प्रेमियों अथवा सेवक और स्वामी अथवा माता-पिता और सन्तान के मध्य के प्रेम को चित्रित किया गया है। भक्ति आंदोलन में धर्म के प्रति काव्यात्मक दृष्टिकोण और काव्य के प्रति वैराग्य पूर्ण दृष्टिकोण अपनाया गया था। इस लेख में हम मध्‍यकालीन काव्‍य तथा मध्‍यकालीन काव्‍य में स्‍त्री विमर्श पर वर्णन किया हैा