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शिक्षा के व्यवसायीकरण का प्रभाव | Original Article

डॉ० एम० ए० खान*, डॉ० आबिदा खातून, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

शिक्षा के क्षेत्र में निजी क्षेत्र के योगदान को नज़र अंदाज़ नहीं किया जा सकता है। शिक्षा के प्रचार प्रसार में निजी क्षेत्र के सहयोगियों ने सदैव ही बढ़ चढ़कर योगदान दिया है। देश में बड़ी बड़ी शिक्षण संस्थाएं इसका उदाहरण हैं। आर्थिक उदारीकरण की नीतियों के प्रभाव के कारण अब निजीकरण का अर्थ व्यवसायीकरण हो गया है। इस व्यवसायीकरण के कारण शिक्षा के आम लोगों की पहुँच से दूर होने का ख़तरा बढ़ गया है जो एक एक लोकतान्त्रिक गणराज्य के नागरिकों के लिए चिंता का विषय है। व्यवसायीकरण ने शिक्षा को दान के विषय के स्थान पर दाम का विषय बना दिया है। व्यवसायीकरण के कारण शिक्षा का विस्तार तो अवश्य हुआ है परन्तु शिक्षा की गुणवत्ता का विषय गौण हो गया है। प्रस्तुत शोध पत्र में नई शिक्षा नीति के सन्दर्भ में निजी शिक्षण संस्थाओं भूमिका तथा शिक्षा के प्रसार के साथ गुणवत्ता की समस्या का अध्ययन किया जायेगा।