कामकाजी और गैर कामकाजी महिलाओं के बच्चों का समायोजन एवं व्यक्तित्व का अध्ययन | Original Article
बालकों के विकास पर वातावरण की अन्तक्रिया का स्पष्ट प्रभाव पड़ता है। सृजनन विज्ञान के द्वारा लक्ष्यों को नियंत्रित करने का प्रयास करना चाहिए। निषेघात्मक उपायों के द्वारा निम्नस्तरीय लक्षणों को दूर करने का कार्य किया जा सकता है, जबकि उच्चस्तरीय लक्षणों को बढ़ाया जा सकता है। परिवेश (वातावरण) उन्नत बनाकर व्यक्ति का व्यक्तित्व एवं समायोजन पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है। प्रस्तुत शोध पत्र में कामकाजी और गैर कामकाजी महिलाओं के बच्चों का समायोजन व व्यक्तित्व का अध्ययन किया गया है। प्रस्तुत शोध हेतु भोपाल शहर के विद्यालयों से 200 विद्यार्थियों को न्यादर्श पद्धति द्वारा चुना गया है, एवं सर्वेक्षण अनुसंधान विधि का प्रयोग किया गया। उपकरण के रूप में समायोजन के मापने हेतु ए.के. सिंह एवं अल्पना सेन गुप्ता द्वारा विकसित हाईस्कूल एवं एडजस्टमेंट इन्वेंटरी(HSAI) का प्रयोग किया गया। व्यक्तित्व मापने हेतु बहुआयामी व्यक्तित्व सूची कु. मंजू अग्रवाल का प्रयोग किया गया। ऑकड़ों के विश्लेषण विवेचन हेतु सांख्यिकीय प्रविधि के रूप में टी परीक्षण एवं सहसंबंध गुणांक का प्रयोग किया गया। प्रस्तुत शोधकार्य के अनुसार कामकाजी एवं गैर कामकाजी महिलाओं के बच्चों के समायोजन एवं व्यक्तित्व में अंतर पाया गया एवं समायोजन उच्च है तो व्यक्तित्व भी उच्च बनता है, आपस में सहसंबंधित पाये गये।