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मलिन बस्तियाँ: पर्यावरण पर प्रभाव (ग्वालियर जिले की केस स्टडी) | Original Article

Swati Verma*, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

नगरों में रहना, आधुनिक मानव पारिस्थितिकी का मुख्य आधार है। पिछले कुछ दशकों में शहरों की वृद्धि और विस्तार शीघ्रता से हुआ है। शहर रोजगार और शिक्षा का स्रोत हैं और वे आर्थिक वृद्धि का केन्द्र भी हैं तथापि वे गरीबी, असमानता और पर्यावरणीय स्वास्थ्य आपदाओं का भी स्रोत हैं। जनसंख्या वृद्धि के साथ-साथ जिस तरह नगरीकरण तथा औद्योगीकरण ने प्राकृतिक और सामाजिक समस्याएँ उत्पन्न की हैं उनमें मलिन बस्तियाँ भी एक ज्वलंत समस्या है। मलिन बस्तियों का विकास परिस्थितिवश उत्पन्न एक समस्या है जिसमें समुदाय का एक बड़ा वर्ग हिस्सा लेता है। झुग्गी एक अत्यधिक आबादी वाला शहरी आवासीय क्षेत्र है जिसमें ज्यादातर खराब, अधूरे पड़े अधोसंरचना की स्थिति में आवासहीन इकाइयाँ हैं, जो मुख्य रूप से गरीब लोगों द्वारा बसाईं गईं हैं। यह शहर का एक हिस्सा है जहां आवास की गुणवत्ता कम है और रहने की स्थिति खराब है। इस शोध पत्र में स्लम की पर्यावरणीय समस्याओं और अनौपचारिक अधिवासों की संरचना से परिचित कराया जाएगा और उसका विश्लेषण किया जाएगा। इसके साथ-साथ मलिन बस्तियों के उन्नयन के उपाय भी सुझाएँ जाएँगे।