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आस्था का केन्द्र: राजस्थान के प्रसिद्ध लोक देवी-देवताओं का स्थल और उनका महत्व | Original Article

Rani Mahto*, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

राजस्थान का इतिहास वीरों की वीरता और बलिदानों की घटनाओं से भरा पड़ा है। हर युग में महान पुरूष अवतरित हुए है जो जाति पांति जन्म व वर्ण के भेत को नही मानते हुए समस्त मानव जाति को अपने समान मानते आये है। ऐसे पुरूष देश, समाज और धर्म की मर्यादाओं का पालन करते हुए, अपने संपूर्ण जीवन को लोकहित में लगा देते हैं। उनके चरित्र उन्हें आदर्श बना देते हैं। वे अपने कार्यो के कारण दूसरे के लिए उदाहरण स्वरूप बन जाते हैं। ऐसे लोकवीर, लोकदेवता के रूप में पूज्य हो जाते हैं। सारांशतः कहा जा सकता है कि राजस्थान में वीरता, त्याग, बलिदान, गोरक्षा, वचन पालन, सत्य व्रतधारी, परोपकार और गुणों को स्थापित करने वाले ऐतिहासिक पुरूषों में से कुछ अधिक प्रेसिद्ध हो गये, जिन्हे सामान्य जनता ने बहुत सम्मान दिया और आदर प्रकट करने की भावना के कारण इन त्यागी पुरूषों को देव तुल्य मानने लगी जो कालान्तर में लोक देवता के रूप में पूजनीय हो गये। आज भी इन लोक देवताओं के प्रति राजस्थान की जनता आस्था रखती है और इन लोक देवताओं की पवित्र भूमि पर पहुंच कर माथा टेकती है।