राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के महत्वपूर्ण प्रावधान: एक अध्ययन | Original Article
शिक्षा क्षेत्र में व्यापक बदलावों के लिए केंद्र सकार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी है। लगभग तीन दशक के बाद नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी गई है। इससे पूर्व 1986 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाई गई थी और 1992 में इसमें संशोधन किया गया था। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से पूर्व देश में मुख्य रूप से दो ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति आई थी। स्वतंत्रता के बाद पहली बार 1968 में पहली शिक्षा नीति की घोषणा की गई। यह कोठारी कमीशन (1964-1986) की सिफारिशों पर आधारित थी। इस नीति को तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने लागू किया था। इसका मुख्य उद्येश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना और देश के सभी नागरिकों को शिक्षा मुहैया कराना था। बाद के वर्षों में देश की शिक्षा नीति की समीक्षा की गई। वहीं देश की दूसरी राष्ट्रीय शिक्षा नीति मई 1986 में मंजूर की गई। जिसे तत्कालीन राजीव गांधी सरकार लेकर आई थी। इसमें कम्प्यूटर और पुस्तकालय जैसे संसाधनों को जुटाने पर जोर दिया गया। वहीं इस नीति को 1992 में पीवी नरसिंह राव ने संशोधित किया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को उद्धेश्य शिक्षा की पहुँच, समानता, गुणवत्ता, वहनीय शिक्षा और उत्तरदायित्वों जैसे मुद्यों पर विशेष ध्यान देना है। छात्रों को जरूरी कौशल एवं ज्ञान से लैस करना और विज्ञान, टेक्नोलॉजी, अकादमिक क्षेत्र और इन्डस्ट्री में कुशल लोगों की कमी को दूर करते हुए देश को ज्ञान आधारित सुपर पॉवर के रूप स्थापित करना है। प्रस्तुत अध्ययन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कतिपय महत्वपूर्ण प्रावधानों का अध्ययन करता है। आलेख में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्धेश्य और उसके मूलभूत सिद्धांत को रेखांकित करता है।