शहरी तथा ग्रामीण जनसंख्या में महिला व पुरुष रोजगार भागीदारी का अध्ययन | Original Article
विकास खण्ड अजीतमल के शहर अजीतमल, बाबरपुर, अटसू तथा अनन्तराम में औसत परिवार 5.02 सदस्य हैं जिसमें औसतन 2.56 पुरुष तथा 2.36 महिलायें हैं। महिला व पुरुष की जनसंख्या का अनुपात ठीक है। परिवारों के सदस्यों की जनसंख्या न ज्यादा और न कम है। महिला की जनसंख्या औसत परिवार पुरुष से कम है। वर्गवार अध्ययन से स्पष्ट हो रहा है कि प्रत्येक आयु वर्ग में महिला की संख्या पुरुष से कम है। सर्वाधिक अन्तर 18-50 आयु वर्ग में है, जिसमें महिला औसत 0.72 तथा पुरुष औसत 0.81 है। परिवार में औसतन 5.02 व्यक्तियों का खर्च उठाना कठिन है क्योंकि सभी व्यक्ति रोजगार से नहीं जुड़े हैं, केवल वयस्क (18-50 आयु वर्ग) वाले व्यक्ति ही पूर्ण रूप से रोजगार से जुड़कर जीविका अर्जन कर रहे हैं, अन्य में बच्चे हैं जो या तो बहुत छोटे हैं या पढ़ाई कर रहे हैं। इनके अतिरिक्त वृद्ध हैं जो स्वयं वृद्धावस्था के कारण रोजगार से बहुत अधिक नहीं जुड़े हैं। परिवार के सभी आयु वर्ग के लोगों का थोड़ा या बहुत रोजगार अर्जन में योगदान है तब औसत आय प्रतिदिनप्रति व्यक्ति रुपये 26.72 विभिन्न स्रोतों से है, जो गरीबी की तरफ इशारा करती है। जबकि औसत प्रति व्यक्ति प्रतिदिन व्यय विभिन्न मदों में रुपये 24.82 है। 24.82 रुपये में व्यक्ति प्रतिदिन अच्छी तरह से अपना पेट भी आसानी से नहीं भर सकता। इसके अतिरिक्त अन्य खर्च भी हैं, जो सामाजिक रूप से उसे अवश्य वहन करने पड़ते हैं। अजीतमल विकास खण्ड के सभी शहरी क्षेत्रों में महिलाओं की संख्या पुरुषों से कम है जिसके अनेक कारण हो सकते हैं, जिसमें कन्या भ्रूण हत्या, महिला का उम्र से पहले ही मर जाना, महिला कुपोषण आदि हो सकता है। विकास खण्ड बिधूना के शहरी क्षेत्रों में औसतन सदस्य प्रति परिवार 5.04 हैं जिसमें विभिन्न आयु वर्ग में महिला तथा पुरुष शामिल हैं। औसतन 2.4 महिला तथा 2.65 पुरुष हैं। पुरुषों की संख्या महिलाओं से अधिक है। इस विकास खण्ड के शहरी क्षेत्रों में महिलाओं की संख्या का कम होना यह प्रतीत कराता है कि इन क्षेत्रों में भी कन्या भ्रूण हत्या व महिलाओं की असमय मृत्यु जैसी बुराई फैली है, जिसका कारण निर्धनता है। बिधूना विकास खण्ड के शहरी क्षेत्रों में विभिन्न आयु वर्ग में महिलाओं की संख्या कम है जबकि पुरुषों की अधिक। सर्वाधिक अन्तर 0-10 आयु वर्ग में है जिसमें औसतन 0.51 स्त्री तथा 0.59 पुरुष हैं। इस आधुनिक युग में जबकि मँहगाई इतनी अधिक है और रोजगार के साधन कम तब औसतन 5 लोगों का खर्च वहन करना बहुत कठिन है, जिसके कारण इस क्षेत्र में गरीबी है। विकास खण्ड बिधूना में प्रत्येक आयु वर्ग का औसत विभिन्न रोजगार साधनों से प्रति व्यक्ति प्रतिदिन रुपये 25.25 है जो गरीबी रेखा के काफी नीचे है जिसके कारण इस विकास खण्ड के लोग निर्धन हैं। बिधूना विकास खण्ड के शहरी क्षेत्रों में लोग औसतन विभिन्न मदों में मात्र प्रतिदिन प्रति व्यक्ति रुपये 25.32 खर्च कर पाते हैं जो गरीबी रेखा के नीचे का संकेत है। अजीतमल तथा बिधूना के शहरी क्षेत्रों में दैनिक उपभोग की वस्तुओं के दाम मण्डी में ऊँचे हैं। मँहगे दामों पर सभी वस्तुएँ प्राप्त होती हैं। जैसे- गेहू 12 रुपये किलो, दाल 40 रुपये किलो, हरी सब्जी 8 रुपये किलो, अन्य सब्जी 8 रुपये किलो, जड़ व तना की सब्जी 6 रुपये किलो, दूध 22 रुपये किलो, तेल 40 रुपये किलो तथा शक्कर 30 रुपये किलो। उपर्युक्त भाव के अनुसार यहाँ के शहरी क्षेत्रों में खर्च चलाना पड़ता है जिसके कारण विभिन्न मदों से कमाया गया धन लगभग समाप्त हो जाता है, और निर्धनता की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। अजीतमल तथा बिधूना विकास खण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों के अध्ययन से ज्ञात हुआ कि- अजीतमल विकास खण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों में परिवार बड़े हैं। औसतन एक परिवार में 5.05 सदस्य हैं जिसमें 2.41 महिलायें तथा 2.62 पुरुष है। वर्गवार चारों ग्रामीण क्षेत्रों के अध्ययन से ज्ञात हुआ कि सर्वाधिक जनसंख्या 18-50 आयु वर्ग में 0.65 स्त्री तथा 0.72 पुरुष की है। प्रत्येक आयु वर्ग में यह ज्ञात हो रहा है कि महिलाओं की संख्या पुरुषों से कम है। इसी प्रकार बिधूना विकास खण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक आयु वर्ग में महिलाओं की संख्या पुरुषों से कम है। बिधूना के ग्रामों में औसतन परिवार बड़े हैं जिसमें औसतन 5.34 सदस्य हैं जिसमें 2.61 महिलायें तथा 2.72 पुरुष हैं।