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कबीरदास जी का भक्ति काव्य तथा भक्ति आंदोलन में उनका योगदान | Original Article

Neha Rao*, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

कबीर के अब तक के अध्ययन का सर्वेक्षण करते हुए इस अध्ययन की आधारभूत मान्यताओं को स्पष्ट किया गया है तथा विभिन्न विद्वानों द्वारा कबीर के मूल्यांकनों का विश्लेषण किया गया है। कबीर के वंश को सदय धान्तरित योगी जाति मानने की अर्थपरिणतियों का निस्पण करते हुए इस मान्यता के औचित्य पर विचार किया गया, कबीर की भक्ति के सामाजिक अर्य की समझ के लिए उन्हें जातीय गठन की ऐतिहासिक प्रक्रिया के संदर्भ में देखने का प्रस्ताव दिया गया है। इसके साथ ही स्वामी रामानंद के साथ कधीर के संबंध की समस्या और इससे संबद्ध समस्या-- कबीर का जीवन समय निर्धारण - पर भी विचार किया गया है।