कबीरदास जी का भक्ति काव्य तथा भक्ति आंदोलन में उनका योगदान | Original Article
कबीर के अब तक के अध्ययन का सर्वेक्षण करते हुए इस अध्ययन की आधारभूत मान्यताओं को स्पष्ट किया गया है तथा विभिन्न विद्वानों द्वारा कबीर के मूल्यांकनों का विश्लेषण किया गया है। कबीर के वंश को सदय धान्तरित योगी जाति मानने की अर्थपरिणतियों का निस्पण करते हुए इस मान्यता के औचित्य पर विचार किया गया, कबीर की भक्ति के सामाजिक अर्य की समझ के लिए उन्हें जातीय गठन की ऐतिहासिक प्रक्रिया के संदर्भ में देखने का प्रस्ताव दिया गया है। इसके साथ ही स्वामी रामानंद के साथ कधीर के संबंध की समस्या और इससे संबद्ध समस्या-- कबीर का जीवन समय निर्धारण - पर भी विचार किया गया है।