माध्यमिक विद्यालयों में अध्यापकों की अध्यापन के प्रति अभिवृत्ति | Original Article
शिक्षा के स्वरूप में माध्यमिक शिक्षा का महत्वपूर्ण स्थान है। माध्यमिक शिक्षा समूची शिक्षा प्रणाली की रीढ की हड्डी के समान है। माध्यमिक शिक्षा राष्ट्र के तकनीकी तथा सांस्कृतिक जीवन पर विशेष प्रभाव डालती है। यह शिक्षा उन नवयुवकों को शिक्षित करती है जो देश के समाजिक निर्माण तथा आर्थिक विकास में प्रभावशाली हो सके। ऐसी स्थिति में माध्यमिक स्तर के अध्यापकों की भूमिका के निर्वाह की अनिवार्यता स्वतः ही सुस्पष्ट हो जाती है। अध्यापकों की भूमिका निर्वाह प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से उनके अध्यापन के प्रति अभिवृत्ति पर निर्भर करता है। प्रस्तुत शोधपत्र ‘‘देहरादून जिले के माध्यमिक स्तर के अध्यापकों की अध्यापन के प्रति अभिवृत्ति का एक अध्ययन,’’ प्राथमिक आंकड़ों पर आधारित है, जिसमें सर्वेक्षण विधि द्वारा डॉ. एस. पी. आहलूवालिया द्वारा निर्मित शिक्षक अभिवृत्ति परिसूची (टी.ए.आई.) प्रश्नावली का प्रयोग किया गया है। शोध में माध्यमिक स्तर के अन्तर्गत सरकारी व निजी विद्यालयों के 100 शिक्षकों को प्रतिदर्श के रूप में लिया गया है। प्रस्तुत शोधपत्र देहरादून जिले के माध्यमिक स्तर के अध्यापकों की अध्यापन के प्रति अभिवृत्ति का एक तुलनात्मक अध्ययन एवं इसमें वांछनीय सुधारात्मक उपायों पर विचार करने का एक प्रयास है।