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भारत में लोक अदालत की अवधारणा: वैकल्पिक न्याय समाधान | Original Article

Ratan Singh Tomar*, (Dr.) Narendra Kumar Thapak, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

न्यायालयों में विचाराधीन प्रकरणों या मुदमेबाजी के पूर्व के विवादों का आपसी सूझ-बूझ के आधार पर निपटारा किऐ जाने हेतु लोक अदालतों का आयोजन किया जाता है। जिसमें पक्षकार अपने मामले का निपटारा आपसी समझौते, सूझ-बूझ एवं सुलह से लोक अदालतों के माध्यम से करा सकते हैं।