वर्तमान संदर्भ में ऊना जनपद के गीतों में संचार माध्यमों की भूमिका | Original Article
संचार माध्यम से आशय है संदेश के प्रवाह में प्रयुक्त किऐ जाने वाले माध्यम। संचार के बिना व्यक्ति का जीवन असंभव है। किसी भी सूचना, विचार व भावों को दूसरों तक पहुँचाने के साधन है संचार माध्यम। वर्तमान समय में जिस प्रकार सर्व सुलभ हुआ है उसका मूल कारण संचार माध्यमों की भूमिका रही है। इनके सहयोग द्वारा हर क्षेत्र, हर समुदाय, हर जाति के व्यक्ति को संगीत जगत को निकटता से जानने के अवसर प्राप्त हुये हैं। संगीत के विकास में संचार माध्यमों का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। संचार माध्यमों के सहयोग से संगीत को नित् नवीन दिशाऐं प्राप्त होती रही हैं। संचार माध्यमों द्वारा किसी क्षेत्र का संगीत भी लोक में न रहकर देश-विदेश तक प्रचलित होता जा रहा है। ऊना जनपद के गीतों के प्रचार-प्रसार में प्रिंट व इलैक्ट्रोनिक माध्यमों का पूर्ण सहयोग रहा है है जिसमें पत्र-पत्रिकाएँ, रेडियों, टी0वी0 व इन्टरनेट जैसे विकसित संचार माध्यमों का बहुत योगदान रहा है। वर्तमान समय में ऊना जनपद के लोक कलाकर इन माध्यमों द्वारा अपने लोक संगीत का प्रचार कर रहे है। संचार माध्यमों द्वारा मंच प्रदर्शन के सीधे प्रसारणों को व्यक्ति घर पर बैठ श्रवण कर सकता है। जहाँ पहले कला की प्रस्तुति प्रत्यक्ष रूप में होती थी वही आज हर व्यक्ति मोबाइल, इन्टरनेट व कम्प्यूटर का प्रयोग करके लोक संगीत का अनुसरण कर सीख सकता है। इन संचार माध्यमों द्वारा नई पीढ़ी को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए है। आज ऊना जनपद का कोई भी ऐसा गायक कलाकर नही होगा जो संचार माध्यमों से जुड़ा ना हो। गीतों की रिकॉर्डिंग से लेकर सुनने सिखने तक इन्टरनेट की सहायता से लोक संगीत देश-विदेश तक विस्तृत हो रहा है जिससे आने वाली भावी पीढ़ी ऊना जनपद के लोक संगीत की तरफ आकर्षित और प्रभावित हुई है। संचार माध्यमों ने लोक संगीत जगत में क्रान्ति का विस्तार किया है। अतः यह कहना गलत नही होगा कि संचार माध्यम संगीत जगत में बहुत बड़ी उपलब्धि है। ऊना जनपद के सांस्कृतिक गीतों, धार्मिक गीतों से लेकर नृत्य गीतों तक का विवरण इंटरनेट की सुविधा से व्यक्ति कभी भी किसी भी स्थान पर ले सकता है।