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सरिस्का राष्ट्रीय अभ्यारण्य क्षेत्र में वन्य जीवों का तुलनात्मक भौगोलिक अध्ययन | Original Article

Murari Lal*, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

राष्ट्रीय उद्यान प्राकृतिक दृश्यों तथा जीवों की सरंक्षण स्थल होते है जबकि वन्य जीव अभयारण्य केवल वन्य जीव प्रजातियों की संरक्षण स्थली होते हैं। सरिस्का भारत का एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान है यह राजस्थान राज्य के अलवर जिले मे स्थित है, इसे बाघ अभ्यारण्य के रूप मे भी जाना जाता है। यह एक आबादी युक्त क्षेत्र है, जिसमें पहाडियों की तलहटी व अभ्यारण्य क्षेत्र मे स्थानीय निवासी निवास करते है। सरिस्का राष्ट्रीय अभ्यारण्य में 200 से अधिक गाँवों के अलावा पुरे टाईगर रिजर्व में कुल 31 गाँव स्थित हैं। जिसमें से कोर जोन ऐरिया में 11 गाँव हैं। सरिस्का के वनों का प्रबन्धन बाघ परियोजना के अन्तर्गत किया जा रहा है। बाघ एवं उसके आश्रय स्थल के सरंक्षण के उद्देश्य सें वर्ष 1973 से भारत सरकार की एक योजना आरम्भ की गई उसी योजना के अन्तर्गत 1978 से सरिस्का के वनो को 1978 में लिया गया वर्तमान 1866 वर्ग किमी. वन क्षेत्र इस परियोजना के अन्तर्गत आता हैं। परियोजना क्षेत्र मे बाघ एवं बघेरा प्रजातियों के अलावा जंगली बिल्ली, सिपामोश बिल्ली, सांभर चीतल, रोजडा, चैसिगां, चिंकारा, लक्कडबग्गा, सियार आदि मिलते है अतः इस शोध पत्र में वन्यजीवों का तुलनात्मक भौगोलिक अध्ययन किया गया है।