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छत्तीसगढ़ी लोकगीतों की विशेषताएँ एक अध्ययन | Original Article

Ekta Kaushik*, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

छत्तीसगढ़ी लोकगीतों का क्षेत्र बहुत व्यापक है, इसमें एक ओर मुक्तक-शैली के सदाबहार ददरिया-गीत मिलते हैं, तो दूसरी ओर प्रबंध-गीतों के अंतर्गत गोपल्ला गीत, रायसिंह का पवारा तथा राजा वीरसिंह की कांहनी जैसे लंबे कथात्मक गीत भी मिलते हैं, जिसमें पराक्रम और विजय का अद्भुत वर्णन है। वार्तालाप-शैली का निर्वाह ददरिया-गीतों में बखूबी मिलता हैं। विवाह-गीतों में पुनरावृत्ति-शैली के दर्शन सहज ही किए जा सकते हैं। लोक- साहित्य का सर्वाधिक महत्वपूर्ण अंश लोकगीतों के रूप में प्राप्त होता हैं।