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प्राचीन भारत में शिक्षा व्यवस्था | Original Article

Shriphal Meena*, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

शिक्षा का प्रारम्भ कब और किस प्रकार हुआ, यह ज्ञात करना उतना ही कठिन है, जितना यह जानना कि प्रथम मनुष्य या जीवन की उत्पत्ति कब हुई थी। अतः शिक्षा को किसी निश्चित समय पर घटने वाली घटना या किसी व्यक्ति व समूह द्वारा आरम्भ किया गया कार्य कहकर एक निश्चि परिध में परिभाषित नहीं किया जा सकता है। ‘शिक्षा’ शब्द संस्कृत के ‘शिक्षधातु से बना है, जिसके अर्थ हैं - अधिगम, अध्ययन और ज्ञान गहण। वेदों में भी शिक्षा का कई अर्थों में प्रयोग हु आ है, जैसे - ज्ञान, बोध, विद्या आदि। शिक्षा शब्द के कई अर्थ किये जाते हैं। विभिन्न शिक्षा शास्त्री इस शब्द की विविध प्रकार से परिभाषा एवं व्याख्या करते हैं। शिक्षा शब्द का अनुवाद आंग्ल भाषा में Education है। यह शब्द लेटिन भाषा के Education से निकला है, जिसका अर्थ है - ‘सीखना’ या प्रशिक्षण। यह शब्द Educare से भी निकाला जा सकता है, जिसका अर्थ है ‘विकास करना’। अतः शिक्षा वह कला है जो बालक के शारीरिक, मानसिक और नैतिक विकास में सहयोग प्रदान करती है।