अलवर ज़िले में पशुधन एवं डेयरी विकास का अध्ययन | Original Article
अलवर की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि, दुग्ध उत्पादन एवं पशुपालन पर ही निर्भर करती है, तथा कृषि के उपरान्त पशुपालन को ही जीविका का प्रमुख साधन माना जा सकता है। अलवर मुख्यतः एक कृषि व पशुपालन प्रधान जिला है। अलवर ज़िले में बड़ी संख्या में पालतू पशू हैं व अलवर का दुग्ध उत्पादन में अग्रणी स्थान है। अलवर में पशु-सम्पदा का विषेश रूप से आर्थिक महत्व माना गया है। यहाँ जीविकोपार्जन का मुख्य साधन पशुपालन ही है। इससे जिले की शुद्ध घरेलू उत्पत्ति का महत्त्वपूर्ण अंश प्राप्त होता है। अलवर की अर्थव्यवस्था के बारे में यह कहा जाता है कि यह पूर्णत कृषि पर निर्भर करती है तथा कृषि मानसून का जुआ मानी जाती है। इस स्थिति में पशुपालन एवं डेयरी विकास का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। इस आलेख में अलवर ज़िले में पशुधन एवं डेयरी विकास का अध्ययन किया गया है।