कोटपूतली तहसील में कृषि पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का भौगोलिक अध्ययन | Original Article
कोटपूतली तहसील का पर्यावरण एक कमजोर स्थिति पर पहुंच चुका है। इसका बदलता हुआ स्वरूप पृथ्वी के विनाश का कारण बन सकता है। इस संदर्भ में दुनिया के लगभग सभी वैज्ञानिक चिंतित हैं। वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन पृथ्वी पर कृषि के लिए ही नही बल्कि सामान्यतया पूरे जीवन के लिए एक भारी खतरा है। अध्ययन क्षेत्र कोटपूतली तहसील में कृषि में प्रमुख चुनौतियों के मार्ग पर तेजी से वृद्धि कर रही है। इनमें जनसंख्या वृद्धि, कृषि, भूमि व अन्य प्राकृतिक संसाधनो में गिरावट सम्मिलित है और इन सब के अतिरिक्त ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन पर्यावरण परिवर्तन में सबसे अधिक योगदान कर रहा है। औद्योगीकरण व मशीनीकरण की दुनिया में यह सबसे बड़ी चुनौती माना जा रहा है। विश्व में बिगड़ते हुए पर्यावरण संतुलन एवं प्रदूषण के कारण कोटपूतली तहसील के तापमान में निरंतर वृद्धि हो रही है जोकि जीवधारियों, वृक्षों एवं मानव जाति के लिए खतरा बन गई है। कोटपूतली की कृषि जलवायु परिवर्तन व संसाधनों पर निर्भर है। जलवायु परिवर्तन के कृषि पर सकारात्मक व नकारात्मक दोनों प्रकार के प्रभाव हो सकते हैं अतः इस शोध में हम कृषि पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का भौगोलिक अध्ययन कर रहे हैं।