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भूमण्डलीकृत समाज और संस्कृति | Original Article

Geeta Shahay*, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

‘भूमंडलीकरण’ बहुप्रचलित शब्द है। इसे वैश्विक बाजार भी कहते है जहाँ एक देश दूसरे देश पर निर्भर हो जाता है। वैश्विक बाजार में केवल वस्तुओं और पूँजी का ही संचरण नहीं होता, अपितु लोगों का भी संचरण होता है। वैश्विक बाजार में उदारीकरण और निजीकरण भी सम्मिलित हैं। ‘उदारीकरण’ में औद्योगिक और सेवा क्षेत्र की विभिन्न गतिविधियों से संबंधित नियमों में ढ़ील होती है। विदेशी कंपनियों को घरेलू क्षेत्र में व्यापारिक और उत्पादन इकाइयाँ लगाने हेतु प्रोत्साहित किया जाता है। ‘निजीकरण’ के माध्यम से निजी क्षेत्र की कम्पनियों को उन वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन की अनुमति प्रदान की जाती है, जिनकी उन्हे पूर्व में अनुमति नहीं थी।