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महिला आरक्षण विदेयक चुनैतियाँ एवं समस्याएं | Original Article

Pushpa Rai*, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

हिन्दू सामाजिक व्यवस्था में स्त्रियों की स्थिति हिन्दू समाज में स्त्रियों को ज्ञान शक्ति एवं सम्पति का प्रतीक माना जाता है। इन प्रतीकों के रूप में हिन्दू समाज नारी रूप सरस्वती दुर्गा एवं लक्ष्मी की पूजा करता है। समाज में स्त्री को पुरूष का आधा अंग माना जाता है तथा उसे अर्धांगिनी के रूप में सम्मानजनक स्थान दिया जाता है। किसी भी कार्य अथवा शुभ कार्य को अर्धांगिनी के बिना पूरा नहीं किया जाता। स्त्री के वास्तविक महत्त्व को व्याख्या इस प्रकार की गई है नारी परिवार की नींव है, परिवार समुदाय की तथा समुदाय राष्ट्र की। इससे स्पष्ट है कि स्त्री ही राष्ट्र की नींव है, जिस राष्ट्र अथवा देश में स्त्रियों का समुचित मान सम्मान होता है, वही राष्ट्र एक आदर्श और उन्नतिशील राष्ट्र बन सकता है।