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मिथिला में वैष्णव भक्ति आंदोलनः उद्भव एवं विकास | Original Article

Kumari Nilu*, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

बिहार की मिथिला भारत में अपनी समृद्ध सामाजिक, सांस्कृतिक इतिहास के लिए प्रचलित है। मध्यकाल में बिहार की चिंतनधारा पर वैष्णव धर्म का पूरा प्रभाव पड़ा। चंदेश्वर द्वारा संकलित कृत्यरत्नाकर से यह स्पष्ट होता है कि मिथिला में 13वीं तथा 14 वीं सदियों में लोगों के उपास्य देवता थे विष्णु हरि तथा शिव। बिहार में वैष्णव धर्म के विकास के दृष्टिकोण से मिथिला प्रदेश प्रमुख है। यह वहीं क्षेत्र है जहाँ विद्यापति ने गोरक्षविजय, कीर्तिलता, कीर्तिपताका, उमापति ने परिजातहरण की रचना की। मिथिला प्रदेश में वैष्णव प्रभाव के सामाजिक एवं राजनीतिक कारण है।