जनजातीय क्षेत्र का साक्षरता परिदृश्य (बांसवाड़ा जिले के विशेष सन्दर्भ में जनगणना 2001 व 2011 पर आधारित) | Original Article
शिक्षा जैसी अमूल्य धरोहर का मानव जीवन के सर्वांगीण विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान है। शिक्षा से सतत् पर्यावरण विकास और समावेशी विकास का मार्ग प्रशस्त होता है। 21वीं सदी के इस प्रथम दशक में अध्ययन क्षेत्र में साक्षरता का तुलनात्मक रूप से कम विस्तार हुआ है। बाँसवाड़ा जिले की साक्षरता राष्ट्रीय तथा राज्य के साक्षरता स्तर से निम्न है जिसका मुख्य कारण आदिवासी संस्कृति, गरीबी, स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या, जागरूकता की कमी तथा शैक्षिक आधारभूत संरचना का अभाव आदि हैं। वही तुलनात्मक रूप से साक्षरता वृद्धि दर की गति उच्च है जिससे यह आशा है कि यह जिला भी राष्ट्रीय व राज्य साक्षरता स्तर के समकक्ष आ जाऐगा।