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उच्च प्राथमिक स्तर पर शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों की लब्धि मैं अंतर का अध्ययन | Original Article

Ruchika .*, Mukesh Kumar Yadav, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

अध्यापकों की शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखारू व्यावसायिक और सहृदय शिक्षक तैयार करने के लिए (एनसीएफटीई) (नेशनल कौंसिल फॉर टीचर एजुकेशन, 2009) एक व्यावसायिक कार्यबल का विकास करने के महत्व पर जोर देती है। व्यावसायिक विकास एक जीवन-पर्यंत प्रक्रिया है और यह व्यावसायिक दक्षता का विकास करने में मुख्य तत्व है। डिस्ट्रिक्ट प्राइमरी एजुकेशन प्रोग्राम (डीपीईपी) और सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) ने सभी सार्वजनिक क्षेत्र के विद्यालय के शिक्षकों के लिए विकास क्षेत्र और समूह संसाधन केंद्रों के माध्यम से व्यावसायिक विकास प्रदान करने के लिए कई स्थल उपलब्ध कराए हैं। इसके अलावा, इनस्टीट्यूट्स ऑफ एडवांस्ड स्टडीज इन एजुकेशन (आईएएसई), कॉलेज ऑफ टीचर एजुकेशन (सीटीई), द स्टेट कौंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च (एससीईआरटी), डिस्ट्रिक्ट इनस्टीट्यूट्स ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग (डाइट) और कुछ गैर-सरकारी संगठन शिक्षकों के लिए सेवारत प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करते हैं। विकास न केवल सेवारत प्रशिक्षण के माध्यम से बल्कि प्रशिक्षक के नेतृत्व वाले वर्कशॉपों, क्लस्टर रिसोर्स सेंटर (सीआरसी) बैठकों, गलियारे में वार्तालाप, समकक्ष प्रशिक्षण, सामूहिक शिक्षा गतिविधियों आदि के माध्यम से भी किया जाता है।