बाढ़ए बाँध और पुनर्वास की समस्या | Original Article
पुनर्वास की समस्या एक जटिल समस्या थी, धीरे-धीरे पुनर्वास योजना का स्वरूप कुछ और स्पष्ट हुआ। विधायक रघुनाथ झा द्वारा बागमती परियोजना में पुनर्वास की व्यवस्था पर किए गए एक अल्पकालिक प्रश्न के उत्तर में सरकार की तरफ से मुहम्मद हुसैन आजाद 1976 में बताया, इसके लिए स्केल यह है कि हर फैमली को जिसको थैन्येड रूफ हैं, उसको 300 रूपये, जिसको टाइल्ड रूफ है, उसको 500 रूपये तथा जिसको पक्का मकान है उसको 4 रूपये वर्ग फीट के हिसाब से दिये गए हैं।’’ इसके साथ ही आजाद ने सदन को यह भी बताया कि अब तक तटबंधों से प्रभावित 73 गाँवों में से 18 गाँवों को इस तरह का ढुलाई-शुल्क दिया जा चुका है और 8 गाँवों के लोग तो पुनर्वास स्थलों में चले गए है।’’[1]