स्त्री विमर्श: एक समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण | Original Article
साहित्य के समाजशास्त्र के अन्तर्गत समाज से साहित्य के सम्बन्ध का विवेचन करने वाले दो तरह के विचारक हैं। एक वे हैं जो समाज के समझने के लिए साहित्य का उपयोग करते हैं और दूसरे साहित्य का समझने के लिए समाजशास्त्रीय दृष्टिकाण अपनाते हैं। वे महान साहित्य और लोकप्रिय साहित्य का समान महत्व देते हैं।