भारतीय मुक्ति संग्राम की वेशता का अध्ययन | Original Article
स्वाधीनता के पश्चात लिखी गई हिन्दी की श्रेष्ठ कहानियों का संचयन है। ये कहानियाँ स्वातंत्र्योत्तर काल की हिन्दी कहानी के विभिन्न रचनात्मक पक्षों और बदलावों की साक्षी रही हैं, और अपने दौर में सर्वाधिक चर्चित रही हैं और सराही गईं। यहाँ हिन्दी के मानसिक उद्वेलन, चिंताओं, सरोकारों के साथ-साथ हिन्दी कहानी के स्वातंत्र्योत्तर विकास क्रम भी दिखते हैं। यह संकलन आजादी के बाद के समाज की संपूर्ण छवि प्रस्तुत करता है। इन कहानियों में अपने समय की दारुण परिस्थितियों से सख्ती के साथ निपटने की रचनात्मक तैयार दिखती है।