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मनुस्मृति में वर्णित राजतन्त्र एवं शासन व्यवस्था | Original Article

Madhu Gupta*, Yogendra Kumar Bhanu, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

मनु ने एक दृढ़ तथा आदर्श राज्य-व्यवस्था तथा हिन्दू राजनीतिक व्यवस्था दी। मनु का कथन है कि राजा के अन्यायी रहने पर वह बन्धु-बान्धवों के साथ शीघ्र नष्ट हो जाता है। मनु का राजलेख एवं राजनियम लिपिबद्ध होने के पूर्व प्रचलित थे और बहुत सम्भव है कि यूनानी व्यवस्थापक सोलन तथा लाईकारा से भी प्राचीन थे। धर्म प्रधान शासन सर्वोत्तम शासन कहलाता है, क्योंकि भारतीय संस्कृति में धर्म प्रायः रही है, इसलिए भारतीय समाज का मूल पाठ धर्म पर ही आश्रित है। धर्म से युक्त शासन हिंसक शासन नहीं होता है और धर्म निष्प्राण शासन हिंसा से युक्त शासन है, इसलिए भारतीय संस्कृति वेद से युक्त एवं धर्म से युक्त संस्कृति गयी है, क्योंकि भारतीय समाज बहु सम्प्रायः एवं बहु जातिय व बहुभावी, सम्प्राय रहा है। इसी प्रकार स्मृतिकारों ने भी धर्म की परिभाषा दी है।