प्राचीन भारतीय आदिवासी जनजातियों का रहन-सहन एवं धार्मिक जीवन: एक ऐतिहासिक अध्ययन | Original Article
आदिवासी जनजातियाँ भारत के विभिन्न राज्यों में प्राचीन काल से ही मूल जाति के रूप में निवास करती आ रही है। इनकी सामाजिक, आर्थिक धार्मिक एवं सांस्कृतिक जीवन शुरू से ही अपनी विशिष्टताओं के कारण प्रसिद्ध है। संसार में ऐसा कोई देश नही है जिसमें सामाजिक और राजनैतिक जीवन पर धर्म ने भारत से ज्यादा प्रभाव डाला हो। हिन्दू समाज में पाये गए धर्म के प्राचीन स्वरूप के रूप में जनजाति धर्म है। आदिवासी जनजातियों के धर्म और संस्कृति को समझने के लिए भारतीय जनजाति धर्म की महत्वपूर्ण विशेषताओं पर चर्चा करना आवश्यक होगा। इसलिए आदिवासी लोगों के विश्वास, सांस्कृतिक रीति-रिवाज, विचार, अनुष्ठान एवम् संस्कार, नीतियाँ, देवी और देवताओं, पर्व-त्यौहारों, वैवाहिक प्रथाओं, मृत्यु सम्बन्धी (दाह संस्कार) प्रथाएँ, लोकगीतों इत्यादि की चर्चा करनी अनिवार्य होगी।