संक्रमणकालीन बदलाव और हिन्दी पत्रकारिता का स्वरूप | Original Article
१९४५ ईं. में रोमन साम्राज्य की विरासत वायजेन्टाइन साम्राज्य की राजधानी कुस्तुन्तुनिया अर्था क्वास्टेन टिनोपोल पर तुकी आक्रमणकारियों के द्वारा आक्रमण करके कब्जा करने की घटना को यूरोपीय इतिहास में यूरोप के अन्धकार काल की समाप्ति ओर यूरोपीय पुनर्जागरण एवं यूरोपीय क्रान्तियों के श्रीगणेश की शुरूआत माना जाता है। इस यूरोपीय पुनर्जागरण ने यूरोप में सर्वप्रथम बोध्दिक ओर वैज्ञानिक क्रान्ति ला दी और इसी बोध्दिक एवं वेज्ञानिक क्रान्ति के परिणाम स्वरूप केक्स्टन के द्वारा छापेखाने मशीन का अविष्कार हुआ। आगे चलकर इसी ने बोध्दिक क्रान्ति का बढावा देने का कार्य किया जिसका चरम उत्कर्ष हुआ यूरोपीय राज्य तंत्रात्मक व्यवस्थाओं के अवसान और आधुनिक लोकतंत्रामक व्यवस्थाओं के शुभारम्भ के रूप में। इस कार्य में अग्रणी भूमिका निभाने का कार्य कैक्स्टन की छापे खाने और उससे उत्पन्न प्रेस एवं समाचार पत्रों ने किया।