Article Details

भारतीय संगीत में वाद्यों का महत्व | Original Article

Rajeev Sharma*, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

संगीत में वाद्यों का विशेष महत्त्व है। इसके बिना गायन, वादन, नर्तन का सौन्दर्य अधखिली कली के सदृश्य होता हे। गायन, वादन, नृत्य, वाद्यों की संगति पाकर पूर्ण विकसित सुमन की भांति खिल उठते हैं। केवल गायन, वादन तथा नृत्य में ही नहीं बल्कि नाटकों में भी वाद्यों का विशेष महत्त्व होता है। गायन की भांति वादन भी नाट्य क्षेत्र में आवश्यक है। भरत मुनि ने कहा है। ‘‘वाद्येशु यत्नः प्रथमं कार्यः वदन्ति शैया चं नाट्यम वदन्ति वाद्यम्। वाद्येऽविगीतऽपी च सुप्रयुक्तेय, नाट्यस्य शोभाम् न विनाशमेति’’ अर्थात सर्वप्रथम नाटकों में वाद्य का वादन करना चाहिए क्योंकि वाद्य वादन नाटक की एक षैया हैं गीत और वाद्य का उचित प्रयोग होने से नाटक की शोभा द्विगुणित हो उठती है।