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राष्ट्रपति पद के गणराज्यों में लोकतंत्र का एक तुलनात्मक अध्ययन | Original Article

Gautam Veer*, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

भारत की लोकतांत्रिक और संवैधानिक व्यवस्था में सबसे प्रतिष्ठित पद राष्ट्रपति का है। लेकिन, पिछले कुछ दिनों में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर जिस तरह से राजनीति हो रही है, उससे इस पद की गरिमा कम हुई है। राष्ट्रपति की अपनी कोई विशिष्ट विचारधारा नहीं होती, वह तो समय एवं परिस्थितियों के अनुसार, जो बात देश के हित में हो, वही उसकी विचारधारा और सिद्धांत बन जाती है। भारतीय गणराज्य के संविधान में सभी नागरिकों को समता और समानता का अधिकार है, फिर वह दलित हो या ब्राह्मण, हिंदू, सिख, ईसाई, मुसलमान सभी को यह अधिकार है।