वृद्ध जन की सामाजिक सुरक्षा का अध्ययन | Original Article
आज हमारे समाज में वृद्ध लोगों को दोयम दर्जे के व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है। देश में तेजी से सामाजिक परिवर्तनों का दौर चालू है और इस कारण वृद्धों की समस्याएं विकराल रूप धारण कर रही हैं। इसका मुख्य कारण देश में उत्पादक एवं मृत्यु दर का घटना एवं राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जनसंख्या की गतिशीलता है। देश में जल्दी ही यह विषमता आने वाली है कि वृद्धजन, जो कि जनसंख्या का अनुत्पादक वर्ग है, वह शीघ्र ही उत्पादक वर्ग से बड़ा होने वाला है। यद्यपि यह समस्या इतनी गंभीर नहीं है जितनी वृद्धों के समाज में समन्वय की समस्या है। वृद्धों के समाज में समन्वय न होने के 2 मुख्य कारण हैं- 1. उम्र बढ़ने से व्यक्तिगत परिवर्तन, 2. वर्तमान औद्योगिक समाज का अपने वृद्धों से व्यवहार का तरीका। जैसे-जैसे व्यक्ति वृद्ध होता जाता है, समाज में उसका स्थान एवं रोल बदलने लगता है।