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स्वामी विवेकानंद जी की दार्शनिक विचारधारा | Original Article

Soan Kiran Sharma*, Mamta Sharma, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

विवेकानन्द वेदान्त दर्शन के अनुयायी थे। वे वेदान्त को सर्वोच्च दर्शन और सर्वोच्च धर्म मानते थे। अद्वैत वेदान्त के अनुसार विश्व में केवल एक ही तत्त्व है जिसे ब्रह्म नाम दिया जाता है। सगुण रूप में यही ईश्वर कहलाता है। ईश्वर ही जगत का सृष्टा है। ब्रह्म के रूप में जगत् सत्य है और ब्रह्म से अलग वह माया एवं मिथ्या है। जगत् को ब्रह्म के रूप में देखना ही सही ज्ञान है।