राष्ट्रीय उत्थान के लिए स्वामी विवेकानन्द की शिक्षा की उपादेयता | Original Article
जिस प्रकार स्वामी जी का जीवन-दर्शन विस्तृत और समन्वयवादी है, उसी प्रकार उनका शिक्षा दर्शन भी है। वे वर्तमान शिक्षा प्रणाली के कटु आलोचक और व्यावहारिक शिक्षा के प्रबल समर्थक थे। जिसकी आजकल की परिस्थितियों में अत्यन्त आवश्यकता है। आज जबकि भारत या पूरा विश्व मूल्यों को खो देने के कगार पर है हमें विवेकानन्द की आध्यात्मिक शिक्षा की ही आवश्यकता है।